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Stivan pal jaobs

होम और खेतो के बारे में

 हमारे गांव में अभी आलू कि गड़ाई चल रही हैं जिससे अभी बहुत मज़ा आ रहा है आलू गाड़ते समय मौज मस्ती भी करते है जिससे सभी यार दोस्तो से मिलना और मुलाकात भी ही जाती है हमारे गांव में अभी आलू कब तक गड़ जाते मगर इस साल सैलाब आ जाने के कारण लेट मामला हो गया जिससे की लोगो को इससे बहुत ज्यादा नुकसान भी हुआ और कास्तकारी भी पिछड़ गई है हमारे गांव के लोग भी इस टाइम बहुत ज्यादा मस्ती कर रहे   खेतो के बारे में-; इस समय हमारे खेतो में गन्ना सरसो मुली आदि की फसल लगी हुई है हमारे खेत बहुत अच्छी जगह है जिससे हमें फसल में अच्छी मुनाफा होती है मगर अच्छी फसल होने के बाद फसल जब सस्ती जाती है तो बहुत बुरा लगता है कि अब कास्तकारी ना करके कोई बिज़नेस खोल लिया जाय तो ज्यादा फायदा रहे गी क्यों कि मेहनत भी ज्यादा नहीं और काम कुछ नहीं सिर्फ पंखे की हवा में दिन भर बैठे रहो और मुनाफा ज्यादा होगी काम भी कुछ नहीं होगा जो किसानों को लुटते है अगर उनसे कहा जाय कि ऐसा करो की एक महीना खेती करलो फिर पता चल जाएगा कास्तकारी क्या होती है 
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स्टीवन पॉल जॉब्स

स्टीवन पॉल जॉब्स कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल जगत में स्टीव जॉब्स एक ऐसा नाम जिसने सफलता की हर बुलन्दियो को छुआ अगर स्टीव जॉब्स के खोजो के कारण इन्हें आविष्कारक कहा जाय तो ये गलत नही होगा पढाई के दौरान दोस्त के कमरे पर फर्श पर सोकर जीवन की शुरुआत करने वाले स्टीव जॉब्स का जीवन काफी संघर्षमय रहा तो आईये जानते है प्रारंभिक जीवन Early Life स्टीव जॉब्स का जन्म कैलिफ़ोर्निया के सैन फ्रांसिस्को में 24 फ़रवरी 1955 में हुआ था। उनकी शुरूआती पढ़ाई कैलिफ़ोर्निया में हुई। उनके पिता का नाम पॉल जॉब्स था, जो कि एक बढ़ई और मैकेनिक थे। माँ का नाम क्लारा था। जो कि एक अकाउंटेंट थी। वह जॉब्स को पढ़ाया करती थी। जॉब्स ने अपने पिता से इलेक्ट्रोनिक का सारा काम सीखा। 1972 में स्टीव ने कैलिफ़ोर्निया के रीड कॉलेज में अपना नाम लिखवाया पर पैसे की कमी के कारण वह अपनी पढ़ाई आगे पूरी नहीं कर पाये इस कारण उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी और फिर उन्होंने एक रचनात्मक कक्षा में दाखिला लिया। वहां पर सुलेख सिखाया जाता था। जॉब्स का शुरुआती जीवन बहुत ही संघर्षमय था। वे अपनी पढ़ाई करने के लिए अपने एक अच्छे दोस्त के यहाँ रह...

ब्रूस ली

ब्रूस ली ब्रूस ली का प्रारंभिक जीवन और कैरियर ब्रूस ली का जन्म 27 नवम्बर, 1940 को, सन फ्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया में पिता ली होई छुएँ(Lee Hoi Chuen) और माता ग्रेस हो(Grace Ho) के घर हुआ। ब्रूस ली के पिता Lee Hoi Chuen होंग कोंग में ओपेरा सिंगर(Opera Singer) थे और ब्रूस ली को मिलाकर उनके कुल 4 संतान थे। Bruce Lee बचपन से ही होंग कांग में रहते थे और एक काबिल अभिनेता थे जो बाद में अमेरिका चले गए जहाँ उन्होंने मर्सिअल आर्ट्स सिखाया। उन्होंने टेलीविज़न में भी अभिनय किया, उनकी कुछ जबरदस्त फ़िल्में और टीवी सीरियल के नाम हैं The Green Hornet (1966-67) ,Chinese Connection और Fists of Fury. उनकी फिल्म Enter the Dragon के बाद ही 20 जुलाई, 1973 को उनका निधन हो गया 32 वर्ष कि आयु में। उनका नाम ब्रूस(Bruce)  उस हॉस्पिटल के नर्स नें रखा था जहाँ उनका जन्म हुआ हलाकि उनके शुरुवाती स्कूल में उनके इस नाम का उपयोग उनके माता पिता ने नहीं किया। Bruce ने अपने जीवन में 3 महीने की उम्र में पहली फिल्म में 1941 में काम किया जिसका नाम था Golden Gate Girl. साल 1946 के शुरुवात तक ब्रूस ली कुल 20 फि...

Jaek Ma Jeevan prichaye

जैक मा जैक मा का प्रारंभिक जीवन जैक मा जन्म 10 सितम्बर, 1964 को चीन के एक छोटे से गाँव हन्ग्ज़्हौ में हुआ था। जैक मा के माता पिता पारंपरिक गाने गा और बजा कर काम किया करते था। जैक मा को बचपन से ही अंग्रेजी सिखने की बहुत इच्छा थी इसलिए वो Hangzhou International Hotel एक साइकिल से जाते थे जहाँ बड़े-बड़े विदेशी नागरिक आते थे। जैक मा अंग्रेजी सिखने के लिए उन लोगों से पहले अपनी टूटी-फूटी अंग्रेजी में बात किया करते थे। चीन में अंग्रेजी भाषा को उतना ज़रूरी नहीं माना जाता था। परन्तु जब जैक मा ने कुछ अच्छी अंग्रेजी बोलना सिख लिया तो उन्होने दुसरे देशों से आपने वाले विदेशी लोगों के लिए एक टूरिस्ट गाइड के रूप में काम किया। ऐसा करते-करते उनका अंग्रेजी बहुत अच्छा हो गया। उन्होंने यह काम लगभग 9 वर्ष तक किया। जैक मा ने Hangzhou Institute of Electronic Engineering में अंग्रेजी शिक्षक के रूप में भी काम किया था। टूरिस्ट गाइड का काम करते-करते उनका एक अच्छा विदेशी मित्र बना। जैक मा का असली नाम मा यूँ था पर चीनी भाषा में इसे बोलना बहुत ही मुश्किल था इसलिए उस विदेशी मित्र ने उनका नाम जैक मा रख...

कोरोना वायरस: पैसा निकालने नहीं जाना होगा बाहर, एटीएम खुद आएगा आपके पास, बैंक की पहल

कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लागू लॉकडाउन के चलते लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पैसा निकालने के लिए एटीएम तक जाना भी इस दौरान काफी मुश्किल हो गया है। एचडीएफसी बैंक ने इस समस्या को हल करने के लिए एक पहल की है। विज्ञापन एचडीएफसी बैंक ने बुधवार को मोबाइल एटीएम मशीनें सड़क पर उतारी हैं। इनकी मदद से लोगों को एटीएम तक जाने के लिए बाहर नहीं निकलना पड़ेगा बल्कि एटीएम खुद चलकर उनके पास आएगा। मोबाइल एटीएम की सुविधा सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच मिलेगी।   नोएडा-मुंबई में सेवा शुरू, बाकी देश की भी तैयारी बैंक के मुताबिक नोएडा और मुंबई में बुधवार को यह सेवा सफलतापूर्वक शुरू कर दी गई है। जल्द ही देश के अन्य हिस्सों में भी इसे शुरू कर दिया जाएगा। मोबाइल एटीएम के रूट की पहचान करने के लिए अपने-अपने शहरों में स्थानीय निगम अधिकारियों से जानकारी हासिल की जा सकती है। उदाहरण के तौर पर मुंबई में बैंक बीएमसी के साथ मिलकर रूट तय करने का काम कर रहा है। प्रत्येक स्थान के लिए तय समय ये मोबाइल एटीएम प्रत्येक स्थान पर कुछ निश्चित समय के लिए रहेंगे। इस दौरान मोबाइल ए...

Important information about Sandeep Maheshwari Name (Name) Sandeep Maheshwari Business (Photo) Photographer, Entrepreneur, Public Speaker Total Property (Net worth) NA Date of Birth 28 September 1980 Age (Age) 36 years Birth Place Delhi Home Home New Nationality ) Bharatiya School (School) NA College (College) Kirorimal College, University of Delhi, Delhi Education Sandeep Maheshwari's early life Sandeep Maheshwari was born on 28 September 1980 in Delhi. Sandeep used to think about doing a lot from childhood. They never talk openly about their childhood. His father was a businessman. Sandeep's father had an aluminum business. This business came to a halt after almost ten years of running. To help the family, he joined the multi-level marketing company in collaboration with his mother, who used to make and sell things at home. MLM work also did not last long. As his father's business came to a standstill, Sa

संदीप महेश्वरी संदीप माहेश्वरी युवाओं के लिए प्रेरक और आज का सबसे प्रासंगिक नाम है. भारत के शीर्ष उद्यमियों में तेजी से उभरने वाले नामों में एक नाम संदीप महेश्वरी का भी है. संदीप महेश्वरी ने ये सफलता काफी कम समय में हासिल की है. संदीप इमेजबाजार.कॉम के संस्थापक और चीफ एक्सक्यूटिव ऑफिसर हैं. इमेज बाजार भारतीय वस्तुओं और व्यक्तियों का चित्र सहेजने वाली सबसे बड़ी ऑनलाईन साइट है. इसके पोर्टल में एक लाख से भी अधिक नये मॉडलों की तस्वीरें संरक्षित है. इतना ही नहीं कई हजार कैमरामैन इस वेबपेज के साथ काम करते हैं. तीव्र बुद्धि के स्वामी संदीप को इस कार्य के लिए न सिर्फ काफी मेहनत नहीं करनी पड़ी, बल्कि उन्होंने अपने दिमाग का सही उपयोग कर इसे हासिल किया. संदीप सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि देश विदेश में काफी नाम कमा चुके हैं. संदीप युवाओं को आगे लाने के लिए, उनके भविष्य को लेकर उन्हें निराशा से बाहर निकालने के लिए कई जगह सेमिनार भी आयोजित कराते हैं. उनका ‘फ्री मोटिवेशनल लाइफ चेजिंग सेमिनार्स’ काफी प्रसिद्ध है. 34 वर्षीय संदीप अपने जीवन में कई संकटों का सामना करते हुए इस मुकाम पर पहुँचें ह...

Rajnikant in born

रजनीकांत रजनीकांत आम लोगों के लिए उम्मीद का प्रतीक। यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि रजनीकांत ऐसे इंसान हैं जिन्होंने फर्श से अर्श तक आने की कहावत को सत्य साबित करके बताया हो। दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने बड़ी-बड़ी सफलताएं अर्जित की पर जिस तरह रजनीकांत ने अभावों और संघर्षों में इतिहास रचा है वैसा पूरी दुनिया में कम ही लोग कर पाएं होंगे। एक कारपेंटर से कुली बनने, कुली से बी.टी.एस. कंडक्टर और फिर एक कंडक्टर से विश्व के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध सुपरस्टार बनने तक का सफ़र कितना परिश्रम भरा होगा ये हम सोच सकते हैं। रजनीकांत का जीवन ही नहीं बल्कि फिल्मी सफ़र भी कई उतार चढ़ावों से भरा रहा है। जिस मुकाम पर आज रजनीकांत काबिज हैं उसके लिए जितना परिश्रम और त्याग चाहिए होता है शायद रजनीकांत ने उससे ज्यादा ही किया है। संघर्षपूर्ण बचपन रजनीकांत का जन्म 12 दिसम्बर 1950 को कर्नाटक के बैंगलोर में एक बेहद मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में हुआ था। वे अपने चार भाई बहनों में सबसे छोटे थे। उनका जीवन शुरुआत से ही मुश्किलों भरा रहा, मात्र पांच वर्ष की उम्र में ही उन्होंने अपनी माँ को खो दिया था। पि...