सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Stivan pal jaobs

होम और खेतो के बारे में

 हमारे गांव में अभी आलू कि गड़ाई चल रही हैं जिससे अभी बहुत मज़ा आ रहा है आलू गाड़ते समय मौज मस्ती भी करते है जिससे सभी यार दोस्तो से मिलना और मुलाकात भी ही जाती है हमारे गांव में अभी आलू कब तक गड़ जाते मगर इस साल सैलाब आ जाने के कारण लेट मामला हो गया जिससे की लोगो को इससे बहुत ज्यादा नुकसान भी हुआ और कास्तकारी भी पिछड़ गई है हमारे गांव के लोग भी इस टाइम बहुत ज्यादा मस्ती कर रहे   खेतो के बारे में-; इस समय हमारे खेतो में गन्ना सरसो मुली आदि की फसल लगी हुई है हमारे खेत बहुत अच्छी जगह है जिससे हमें फसल में अच्छी मुनाफा होती है मगर अच्छी फसल होने के बाद फसल जब सस्ती जाती है तो बहुत बुरा लगता है कि अब कास्तकारी ना करके कोई बिज़नेस खोल लिया जाय तो ज्यादा फायदा रहे गी क्यों कि मेहनत भी ज्यादा नहीं और काम कुछ नहीं सिर्फ पंखे की हवा में दिन भर बैठे रहो और मुनाफा ज्यादा होगी काम भी कुछ नहीं होगा जो किसानों को लुटते है अगर उनसे कहा जाय कि ऐसा करो की एक महीना खेती करलो फिर पता चल जाएगा कास्तकारी क्या होती है 

ब्रूस ली

ब्रूस ली

ब्रूस ली का प्रारंभिक जीवन और कैरियर

ब्रूस ली का जन्म 27 नवम्बर, 1940 को, सन फ्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया में पिता ली होई छुएँ(Lee Hoi Chuen) और माता ग्रेस हो(Grace Ho) के घर हुआ। ब्रूस ली के पिता Lee Hoi Chuen होंग कोंग में ओपेरा सिंगर(Opera Singer) थे और ब्रूस ली को मिलाकर उनके कुल 4 संतान थे। Bruce Lee बचपन से ही होंग कांग में रहते थे और एक काबिल अभिनेता थे जो बाद में अमेरिका चले गए जहाँ उन्होंने मर्सिअल आर्ट्स सिखाया।

उन्होंने टेलीविज़न में भी अभिनय किया, उनकी कुछ जबरदस्त फ़िल्में और टीवी सीरियल के नाम हैं The Green Hornet (1966-67) ,Chinese Connection और Fists of Fury. उनकी फिल्म Enter the Dragon के बाद ही 20 जुलाई, 1973 को उनका निधन हो गया 32 वर्ष कि आयु में। उनका नाम ब्रूस(Bruce)  उस हॉस्पिटल के नर्स नें रखा था जहाँ उनका जन्म हुआ हलाकि उनके शुरुवाती स्कूल में उनके इस नाम का उपयोग उनके माता पिता ने नहीं किया। Bruce ने अपने जीवन में 3 महीने की उम्र में पहली फिल्म में 1941 में काम किया जिसका नाम था Golden Gate Girl.

साल 1946 के शुरुवात तक ब्रूस ली कुल 20 फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में दिखे। उन्होंने अपने जीवन में नृत्य भी सिखा और Hong Kong के Cha-Cha कम्पटीशन को भी जीता साथ ही उनको उनकी कविताओं के लिए भी जाना जाता है।
जब ब्रूस ली किशोर थे तो उनके चीनी होने के कारण उन्हें ब्रिटिश लड़के ताना मारा करते थे। बाद में उन्होंने साल 1953 में कुंगफू मास्टर यिप मैन के संरक्षण में कुंफू की पूर्ण शिक्षा ली और बाद में वे अमरीका अपने परिवार के पास Seattle, Wasington चले गए। वहां उन्होंने नृत्य प्रशिक्षक के रूप में कार्य किया।

ब्रूस ली ने अपनी हाई स्कूल कि शिक्षा एडिसन, यूनिवर्सिटी ऑफ़ वाशिंगटन से पूरा किया। उनको एक नौकरी भी मिली थी जिसमे वे होंग कांग में सीखे हुए मार्शल आर्ट के विंग चुन स्टाइल का ट्रेनिंग दिया करते थे। इसी बिच उनकी मुलाकात लिंडा एमरी (Linda Emery) से हुई, जिससे 1964 में ली नें विवाह किया और उसके बाद उन्होंने सीएटल में स्वयं का मार्शल आर्ट स्कूल खोला।

बाद में वे Linda के साथ ओकलैंड और लोस एंजेलेस (Oakland and Los Angeles) गए जहाँ उन्होंने और 2 मर्तिअल आर्ट्स स्कूल खोले। उन्होंने अपना सबसे जबरदस्त स्टाइल जो खासकर सिखया उसका नाम है जीत कुने दो (Jeet Kune Do) या मुट्ठी को भेदने के तरीका (The Way of the Intercepting Fist). बाद में उनके 2 बच्चे भी हुए जिनके नाम हैं ब्रैंडन (Brandon) जिसका जन्म 1965 में हुआ, और शन्नों (Shannon), जिसका जन्म 1969 में हुआ।

अभिनेता के रूप में ब्रूस ली Bruce Lee as an Actor in Hindi

टीवी सीरियल The Green Hornet में कुल 26 एपिसोड में काम किया जिसमे वे अपने एक्रोबेटिक और फाइटिंग स्टाइल का प्रदर्शन किया। उन्होंने Ironside और Longsteet जैसे टीवी शो में गेस्ट अप्पीरिअंस भी दिया। वे कुंफू (Kung Fu) नमक एक टीवी शो में भी अपना आईडिया दिया परन्तु उसमे कार्य डेविड कार्रडाइन (David Carradine) ने किया था। 1971 में ब्रूस ली लोस एंजेलेस को छोड़ होंग कंग चले गए।

उनकी कुछ बॉक्स ऑफिस तोड़ देने वाली फिल्मे हैं – Fists of Fury जो 1971 के आखरी समय में रिलीज़ हुई थी। The Green Hornet जिसमे उन्होंने अपने जीत कुने दो कि काबिलियत को भी बखूबी दर्शाया है। वर्ष 1972 में The Chinese Connection फिल्म नें उनके पिछले फिल्मो को पीछे कर दिया बॉक्स ऑफिस में धमाल मचाते हुए लेकिन Critic लोगों कि वजह से अमेरिका में इसका बोल बाला थोडा ठंडा रहा। उनका सबसे बड़ा Hollywood प्रोजेक्ट रहा, Enter the Dragon फिल्म।

ब्रूस ली की रहस्यमय मौत

ब्रूस ली कि मौत ने लोगों को बड़ी ही अचम्भे में डाला था। इतने मशहूर मार्शल आर्ट ट्रेनी और सुपरस्टार की अचानक मौत नें सबको चिंता में दल दिया। 20 जुलाई 1973 को उनकी फिल्म Enter the Dragon के लांच से पहले ही 32 वर्ष कि उम्र में उनका निधन हो गया।
Officialy उनकी मौत का कारण दिमाग में सुजन बताया गया, जो पैन किलर दवाई के रिएक्शन के कारण हुआ था। कुछ लोगों का तो यह भी कहना था की उनका खून किया गया था।

ब्रूस ली के विषय में 20 दिलचस्प तथ्य जो आप नहीं जानते

  • ब्रूस ली ने अपनी अधिकतम फिल्मो में स्वयं अंग्रजी भाषा खुद कहा है।
  • ब्रूस ली आधे तौर पर जर्मन थे क्योंकि उनके दादाजी 100% जर्मनी के थे।
  • वे बहुत ही खतरनाक और जबरदस्त ड्राईवर थे।
  • ब्रूस ली कि नज़र कमजोर थी।
  • ब्रूस ली के परिवार वाले उन्हें लिटिल फ़ीनिक्स(Little Phoenix) के नाम से बुलाते थे।
  • वे होंग कोंग के चा-चा नृत्य के चैंपियन रह चुके थे।
  • ब्रूस ली एक दिन में 5000 पंच मार कर प्रैक्टिस करते थे।
  • वे अपनी ऊँगली कि ताकत से टिन कैन में छेद कर देते थे।
  • हलाकि ब्रूस ली नें पढाई के माध्यम से कराटे नहीं सिखा परन्तु तब भी वह कराटे सही तरीके से जानते थे।
  • ब्रूस ली नें एक फिल्म के लिए कहानी भी लिखा था जिसका नाम थे “The Silent Flute” हलाकि यह फिल्म कभी शूट नहीं हो पाई।
  • ब्रूस ली नें अपने जीवन में कई प्रसिद्ध लोगों को और हीरो-हीरोइने को भी मार्शल आर्ट सिखाया।
  • कहा जाता है जब ब्रूस ली छोटे थे तो उन्हें मिरगी की प्रॉब्लम थी।
  • ब्रूस ली नें अपने शारीर से पसीने निकलने वाली ग्रंथि को निकलवा दिया था।
  • ब्रूस ली बहुत ही अच्छे स्केच आर्टिस्ट थे।
  • ब्रूस ली नें बहुत सारी कवितायेँ भी लिखी थी।
  • ब्रूस ली को The Times Magazine वालों नें टॉप 100, 20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में रखा था।
  • ब्रूस ली नें कहा था कि उनके पिता उनके सबसे पहले मार्शल आर्ट्स के गुरु थे।
  • ब्रूस ली के घर में 2000 किताबों की लाइब्रेरी थी।
  • ब्रूस ली को तैरना नहीं आता था ऐसा उनके भाई रोबर्ट का कहना था।
  • ब्रूस ली का सबसे मशहूर उद्धरण जो उन्होंने कहा था : If I should die tomorrow, I will have no regrets. I did what I wanted to do. You can’t expect more from life. अगर में कल मर जाता हूँ, मुझे कोई दुख नहीं होगा। मैं जो जीवन में करना चाहता था वह कर चूका हूँ, आप जिंदगी से ज्यादा उम्मीद नहीं कर सकते।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

होम और खेतो के बारे में

 हमारे गांव में अभी आलू कि गड़ाई चल रही हैं जिससे अभी बहुत मज़ा आ रहा है आलू गाड़ते समय मौज मस्ती भी करते है जिससे सभी यार दोस्तो से मिलना और मुलाकात भी ही जाती है हमारे गांव में अभी आलू कब तक गड़ जाते मगर इस साल सैलाब आ जाने के कारण लेट मामला हो गया जिससे की लोगो को इससे बहुत ज्यादा नुकसान भी हुआ और कास्तकारी भी पिछड़ गई है हमारे गांव के लोग भी इस टाइम बहुत ज्यादा मस्ती कर रहे   खेतो के बारे में-; इस समय हमारे खेतो में गन्ना सरसो मुली आदि की फसल लगी हुई है हमारे खेत बहुत अच्छी जगह है जिससे हमें फसल में अच्छी मुनाफा होती है मगर अच्छी फसल होने के बाद फसल जब सस्ती जाती है तो बहुत बुरा लगता है कि अब कास्तकारी ना करके कोई बिज़नेस खोल लिया जाय तो ज्यादा फायदा रहे गी क्यों कि मेहनत भी ज्यादा नहीं और काम कुछ नहीं सिर्फ पंखे की हवा में दिन भर बैठे रहो और मुनाफा ज्यादा होगी काम भी कुछ नहीं होगा जो किसानों को लुटते है अगर उनसे कहा जाय कि ऐसा करो की एक महीना खेती करलो फिर पता चल जाएगा कास्तकारी क्या होती है 
मै एक स्टूडेंट हूं जो मेरी लाइफ बहुत ही मुश्किल जो की मै एक अच्छा ब्लॉग करता हूं मै अपनी लाइफ कई सारे कठी परिश्रम करता हूं ताकि मै भी दो रूपए कमा कर अपना और अपने बच्चो का पेट भर सकू मै अपने जीवन में बहुत कड़ी मेहनत करता और अपने सारे दिनचर्या के बारे बताता रहता हूं आप अपने जीवन में इतनी मेहनत करो ताकि आप एक ऐसी चोटी पर पहुंचे मै आपकी मदद करने मै सहायक रहूंगा आपको जिस भी प्रकार की मदद करबनी हो आप माय डेली रूटीन पर आकर अपनी मदद और आपके मन जो सवाल उसका उत्तर में डेली देता रहूंगा English Translation -:I am a student who makes my life very difficult, I blog a good life, I do my hard work so that I can earn two rupees to feed myself and my children, I work very hard in my life And I keep telling you about all your daily routine, work so hard in your life so that you reach a peak, I will be helpful to help you in any way you can. Gives you my daily help out at routine and your mind who question his deli in the north will.

Rajnikant in born

रजनीकांत रजनीकांत आम लोगों के लिए उम्मीद का प्रतीक। यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि रजनीकांत ऐसे इंसान हैं जिन्होंने फर्श से अर्श तक आने की कहावत को सत्य साबित करके बताया हो। दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने बड़ी-बड़ी सफलताएं अर्जित की पर जिस तरह रजनीकांत ने अभावों और संघर्षों में इतिहास रचा है वैसा पूरी दुनिया में कम ही लोग कर पाएं होंगे। एक कारपेंटर से कुली बनने, कुली से बी.टी.एस. कंडक्टर और फिर एक कंडक्टर से विश्व के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध सुपरस्टार बनने तक का सफ़र कितना परिश्रम भरा होगा ये हम सोच सकते हैं। रजनीकांत का जीवन ही नहीं बल्कि फिल्मी सफ़र भी कई उतार चढ़ावों से भरा रहा है। जिस मुकाम पर आज रजनीकांत काबिज हैं उसके लिए जितना परिश्रम और त्याग चाहिए होता है शायद रजनीकांत ने उससे ज्यादा ही किया है। संघर्षपूर्ण बचपन रजनीकांत का जन्म 12 दिसम्बर 1950 को कर्नाटक के बैंगलोर में एक बेहद मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में हुआ था। वे अपने चार भाई बहनों में सबसे छोटे थे। उनका जीवन शुरुआत से ही मुश्किलों भरा रहा, मात्र पांच वर्ष की उम्र में ही उन्होंने अपनी माँ को खो दिया था। पि...